नई दिल्ली: संसद की कैंटीन में भारी सब्सिडी का लाभ उठाने से जुड़े विवाद के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कहा कि इस कैंटीन में अकेले सांसद ही खाना नहीं खाते। सुमित्रा ने कहा कि सब्सिडी, खाने की गुणवत्ता और सेवाओं के विषय को संसद की कैंटीन समिति और प्रेस गैलरी समिति सहित सभी पक्षों के साथ विचारविमर्श करके निपटाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि, “सांसदों के अलावा कैंटीन का प्रयोग पत्रकार, संसद के सभी स्तर के कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और गेस्ट करते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि गुणवत्ता चिंता का विषय है और वह इसे दूर करने का प्रयास कर रही हैं। "
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अध्यक्ष ने ऑल-पार्टी मीटिंग की अध्यक्ष्ता करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह आरटीआई के जवाब में सामने आए तथ्यों के बाद हो रही पब्लिक चर्चा पर यह बात कह रही हैं। इसमें यह बात सामने आई है कि पिछले पांच सालों में संसद की कैंटीन को 60.7 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिल चुकी है।
सुमित्रा ने कहा कि सांसदों की मांग पर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाने का निर्णय लिया गया है। हाल ही में पेश स्पीकर रिसर्च इनिशिएटिव के तहत इसमें हिस्सा लेने वाले सदस्यों को छोटे नोट्स दिए जाएंगे। नई पहल के तहत काफी समय से पेंडिग जीएसटी बिल और मिलिनीयम डेलवपमेंट गोल्स दो मुद्दे होंगे। संसद पुस्तकालय और शोध एवं सूचना केंद्र से संबंधित एनएआरआरडीआईएस सांसदों को महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की तैयारी करने में मदद करेगा।
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