बच्चों को मोटापे से बचाना चाहते हैं, तो उन्हें पार्क में जाकर खेलने को कहें

बड़े शहरों में रहने वाले लोग जितने आराम में रहते हैं, उतना ही वे अपने शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं.

बच्चों को मोटापे से बचाना चाहते हैं, तो उन्हें पार्क में जाकर खेलने को कहें

नई दिल्ली:

बड़े शहरों में रहने वाले लोग जितने आराम में रहते हैं, उतना ही वे अपने शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कैसेः तो आपको बता दें कि प्रदूषण इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। पानी, सांस, यहां तक की खाना भी इससे प्रभावित होता है। जिस प्रकार हम लोग घर में रहते हैं, वह सबसे पहले हमारे स्वास्थ्य पर असर डालता है। शोधकर्ताओं से मिली जानकारी के मुताबिक तीन से पांच साल की उम्र वाले बच्चे अगर पार्क में खेलने न जाएं, तो वे सात साल की उम्र में मोटापे का शिकार हो सकते हैं।

 

 

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इंगलैंड में 6,467 बच्चों पर हुए अध्ययन से पता चला है कि कम पढ़े-लिखे परिवार के बच्चे सात साल की उम्र में 38 प्रतिशत तक इस समस्या का शिकार हो सकते हैं। साथ ही अगर ज़्यादा पढ़े-लिखे परिवार वाले कम पढ़े-लिख लोगों के आस-पास रहते हैं, तो उनके ऊपर भी 38 प्रतिशत तक इस परेशानी का प्रभाव पड़ सकता है। बचपन में ही ज़्यादा वज़नदार होने के कारण, बच्चे आगे आने वाले समय में टाइप-2 डायबिटिक भी हो सकते हैं।

ऐनीमेरी शॉल्कविज़, वीयू यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर, एमस्टरडैम, द नीदरलैंड का कहना है कि “अगर बचपन में आप अपने बच्चे के बाहर जाकर खेलने पर रोक लगाते हैं, तो उसे मोटापे की समस्या हो सकती है। ऐसे में बच्चों को टाइप-2 डायबिटीज़ के होने से बचाने के लिए अभी और रिसर्च करने की ज़रूरत है”।

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शोधकर्ता आगे आने वाले समय में मोटापे पर वातावरण का क्या प्रभाव पड़ता है, इस पर भी अध्ययन करने का विचार कर रहे हैं। यह खोज यूरोपियन असोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज़ (ईएएसडी), स्टॉकहोल्म की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत की गई है।

 

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