Aradhana Singh | Updated: November 02, 2020 17:52 IST
Karwa Chauth 2020: करवा चौथ के दिन शाम को चांद के उदय होने के बाद महिलाएं व्रत खोलती हैं.
Karwa Chauth 2020: इस साल (November) 4 नवंबर को करवा चौथ मनाया जाएगा. कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है. करवा चौथ एक ऐसा फेस्टिवल है, करवा चौथ का व्रत सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत खास होता हैं. जिसमें सुहागने महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार करवा चौथ महज एक व्रत नहीं है, यह पति-पत्नी के रिश्ते का जश्न है. उसकी मर्यादा और स्नेह के अनोखे संतुलन का एक खूबसूरत त्योहार है. करवा चौथ के दिन महिलाएं दिनभर व्रत रख कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं शाम को चांद के उदय होने के बाद व्रत खोलती हैं. इस व्रत में शिव परिवार सहित चंद्र देवता की भी पूजा की जाती है. लेकिन, अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं. तो आपको कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए. तो चलिए हम आपको बताते हैं किन बातों का रखे ध्यान और कैसे करें पूजा.
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बटर पनीर मसाला एक बहुत ही लजीज वेजिटेरियन रेसिपी है
बटर पनीर मसाला एक ऐसी रेसिपी है जिसे आप किसी भी पार्टी का त्योहार में बना सकते हैं. बटर पनीर मसाला एक बहुत ही लजीज वेजिटेरियन रेसिपी है, जिसे हर कोई खाना पसंद करता है. यह बहुत आसान रेसिपी है जिसे सिम्पल मसालों के साथ बनाया जाता है. इसे आप करवा चौथ को और स्पेशल बनाने के लिए बना सकते हैं. हिंदू धर्म के त्योहारों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं. और उन्हीं त्योहारों में से एक है करवा चौथ, इस दिन सुहागिन स्त्रिया अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है. और दिन में तरह-तरह के पकवान बनाती हैं. पनीर से कई तरह के व्यंजन बनाएं जा सकते हैं. और उन्हीं मे से एक है बटर पनीर मसाला रेसिपी. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
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1. इस व्रत में कहीं सरगी खाने का रिवाज है, तो कहीं नहीं है. इसलिए अपने परंपरा के अनुसार ही व्रत रखना चाहिए.
2. इस व्रत में महिलाओं को पूरा श्रृंगार करना चाहिए. इस व्रत में महिलाएं मेहंदी से लेकर सोलह श्रृंगार तक करती हैं.
3. व्रत चंद्रमा के निकलने तक रखा जाता है. फिर चंद्रपूजा के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोला जाता है.
4. पूजा, इस व्रत में मिट्टी के करवे लिए जाते हैं और उनसे पूजा की जाती है. इसके अलावा करवा चौथ माता की कथा सुनी जाती है.
5. करवा चौथ की पूजा में भगवान शिव, गणेश, माता पार्वती और कार्तिकेय सहित नंदी जी की भी पूजा की जाती है.
6. पूजा के बाद चंद्रमा को छलनी से ही देखा जाता है और उसके बाद पति को भी उसी छलनी से देखते हैं.
4 नवंबर शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक करवा चौथ की संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त है.
माना जा रहा है कि इस दिन चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 मिनट तक होगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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