बच्चों के दिल के लिए बूरा साबित हो सकता है उनका सुस्त लाइफस्टाइल

दिन में शारीरिक गतिविधि के लेवल का कम रहना, सुस्त और फिट न रहने की वज़ह से बच्चों को कार्डियोवस्कुलर (हृदवाहिनी) बीमारी हो सकती है.

बच्चों के दिल के लिए बूरा साबित हो सकता है उनका सुस्त लाइफस्टाइल

नई दिल्ली:

हेल्दी लाइफस्टाइल एक रात में नहीं बनता, बल्कि यह आपको हर दिन, यहां तक की कई सालों तक अच्छा खाना खाने से मिलता है। ऐसा करने से आप दिल की बीमारियों, हाई ब्लड शुगर लेवल, मोटापे, उच्च रक्तचाप जैसी कई समस्याओं से दूर रहते हैं। और यह सब अगर बचपन में ही शुरू कर दिया जाए, तो आप अपने बच्चे का लाइफस्टाइल भी स्वस्थ बना सकते हैं। पैरंट्स के लिए बच्चे का स्वस्थ लाइफस्टाइल, उसके खाने और फिट रहने पर निर्भर करता है।

इसे साबित करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड में ‘फिज़िकल एक्टीविटी एंड न्यूट्रिशन इन चिल्ड्रन' के दौरान बताया कि दिन में शारीरिक गतिविधि के लेवल का कम रहना, सुस्त और फिट न रहने की वज़ह से बच्चों को कार्डियोवस्कुलर (हृदवाहिनी) बीमारी हो सकती है। अध्ययन के अनुसार प्राइमरी स्कूल जाने वाला बच्चा भी इस बीमारी का शिकार हो सकता है। जांच के मुताबिक बच्चों की लाइफस्टाइल में पैरंट्स के हस्तक्षेप करने से आगे आने वाले समय में उनके अंदर हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।

 

 

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इसे साबित करने के लिए करीब 512 बच्चों पर अध्ययन किया, जिसमें छह से आठ साल तक के बच्चों को शामिल किया गया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जो बच्चे अपने साथियों से ज़्यादा फिट हैं, उनका एक्सरसाइज़ करते समय आर्टीरियल (धमनी) फैलाव काफी बेहतर होता है। वहीं, जो बच्चे फिटनेस में कमज़ोर हैं, उनके अंदर फैट की मात्रा ज़्यादा होने के कारण आर्टरीज़ (धमनियां) काफी सख्त हो जाती हैं। जिन बच्चों के शरीर में लचक है, उनका भी धमनी फैलाव काफी अच्छा पाया गया है।

इस अध्ययन के चलते यह भी पता चला कि जिन बच्चों का फिटनेस और धमनी फैलाव अच्छा होता है, उन्हें रोज़ उच्च तीव्रता वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसके करने से उनका धमनी फैलाव और बेहतर होगा।

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यह अध्ययन शैनडीनावियन जरनल ऑफ मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स में प्रकाशित हुई है।

 

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