Aradhana Singh | Updated: November 13, 2020 10:35 IST
Happy Dhanteras 2020: धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी की खरीदारी करते हैं
Happy Dhanteras 2020: आज 13 नवंबर, को (Dhanteras) धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा हैं. 12 नवंबर 2020 (गुरुवार) की रात 9 बजकर 30 मिनट से त्रयोदशी लग गई. धनतेरस हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की (Trayodashi tithi) त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इसे धन्वंतरि (Dhanvantari) जयंती के नाम भी जाना जाता है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे. ऐसा कहा जाता है कि भगवान धन्वतंरि की पूजा से अरोग्यता की प्राप्ति होती है. इस दिन वस्तुओं की खरीदारी को शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी (Gold and Silver) की खरीदारी करते हैं, माना जाता है कि इस दिन नए उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना शुभ रहता है. ताकि उनके घर में सुख और समृद्धि बनी रहे. तो चलिए आपको हम बताते हैं कि कैसे करें धनतेरस की पूजा और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त.
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माना जाता है कि भगवान कुबेर को सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए,
माना जाता है कि धनतेरस के दिन भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा भी की जाती है. कुबेर भगवान को धन का अधिपति कहा जाता है. माना जाता है कि पूरे विधि- विधान से जो भी कुबेर देव की पूजा करता है, उसके घर में कभी धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है. इस दिन धन्वंतरि का पूजन भी करें. इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर को प्रसन्न करने के लिए खास भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि भगवान कुबेर को सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए, जबकि धन्वंतरि को पीली मिठाई और पीली चीज प्रिय है. इस दिन पूजा में माता लक्ष्मी को भोग लगाने के लिये नैवेद्य के रूप में सफेद मिठाई का प्रयोग किया जाता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि धनतेरस पूजा में किन स्वीट से करें माता लक्ष्मी और गणेश और भगवान कुबरे को प्रसन्न, रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
धनतेरस के दिन सबसे पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करें, उसके बाद देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें, पूजा शुरू करने से पहले नए कपड़े के टुकड़े के बीच में मुट्ठी भर अनाज रखा जाता है. कपड़े को किसी चौकी या पाटे पर बिछाना चाहिए. कलश पानी से भरें, उसमें गंगाजल मिला लें. इसके साथ ही सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज भी इस पर रखें. कुछ लोग कलश में आम के पत्ते भी रखते हैं. पूजा में फूल, फल, चावल, रोली-चंदन, धूप-दीप का उपयोग करना चाहिए. इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिये नैवेद्य के रूप में सफेद मिठाई का प्रयोग किया जाता है. माना जाता है कि माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है.
सुबह 5:59 से 10:06 बजे तक
सुबह 11:08 से दोपहर 12:51 बजे तक
दोपहर 3:38 मिनट से शाम 5:00 बजे तक
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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