Old Monk के चाहने वालों के लिए खुशखबरी!

ओल्ड मॉन्क एक ऐसी रम है, जो घर में बनाए गए बार में अगर मौजूद न हो.

Old Monk के चाहने वालों के लिए खुशखबरी!

Old Monk के बगैर घर का बार अधूरा है।

नई दिल्ली:

दोस्तों की महफिल के बीच अगर ओल्ड मॉन्क की बोतल मौजूद ना हो तो मामला थोड़ा अधूरा सा लगता है। यह एक ऐसी गहरी रम है,जिसने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। सभी भारतीय ब्रांड्स को पीछे छोड़कर इसने सबसे बेहतरीन रम का दर्जा हासिल किया है।

बात 1960 की है, जब यह रम डिफेंस फोर्स की कैंटीन में बिकनी शुरू हुई थी। ओल्ड मॉन्क एक ऐसी रम है, जो घर में बनाए गए बार में अगर मौजूद न हो, तो अधुरा-सा लगता है। सर्दियों के मौसम का मज़ा लेना हो या फिर यार की शादी का, हर जगह इस रम से अच्छा कुछ नहीं।

 


 

 

ओल्ड मॉन्क का शुरुआती दौर
ओल्ड मॉन्क की कामयाबी के पीछे क्या वज़ह रही होंगी, इसका पता लगाना ज़रा मुश्किल है। पहले समय में जब शराब खरीदने के लिए परमिट लेना पड़ता था, तब ओल्ड मॉन्क ने उस ज़माने की मशहूर हरक्यूलस रम के मार्केट शेयर पर भी असर डाला था। यह सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि क्वॉलिटी के लिए भी मशहूर थी। इसके अलावा ओल्ड मॉन्क ने बाज़ार में अपनी पकड़ तब मज़बूत की, जब शराब पर से रोक हट गई। उस समय यह भारत में आई.एम.एफ़.एल (इंडियन मेड फोरन लिकर) ब्रैंड की सबसे लोकप्रिय रम बन गई थी और दुनिया की नामी रम में इसका नाम आने लगा था। सस्ती होने के कारण यह सभी की चहेती भी बनी।

स्वाद से हुआ लाभ और विकास
बाकी की डार्क और कैरेबियन रम से ज़्यादा अच्छा स्वाद रखने वाली ओल्ड मॉन्क ने काफी लोगों को अपना दिवाना बना लिया । इसे कोला या पानी के साथ मिलाकर लिया जा सकता है। यह कॉकटेल के साथ इस्तेमाल में नहीं लाई जाती, लेकिन इसे तेज़ शराब की तरह एंजॉय ज़रूर किया जा सकता है।

हाल ही में कई रेस्तरां तो इसे एक सामग्री की तरह कई डिश में इस्तेमाल कर रहे हैं, जैसे मुंबई के बॉम्बे कैंटीन का गुलाब नट (डोनट के साइज का दिखने वाला गुलाब जामुन जिसे ओल्ड मॉन्क रम में डुबाया जाता है और बाद में पिस्ता क्रीम के साथ परोसा जाता है)। पहले समय में ओल्ड मॉन्क रेस्तरां के बार में भी दिखाई नहीं देती थी, लेकिन आई.एम.एफ़.एल विकल्प की लोकप्रियता हासिल करने के बाद कई जगहों ने इसे रखना शुरु कर दिया।

 

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बोतल के साथ स्वाद भी है कुछ ख़ास
रम के स्वाद के साथ इसकी बोतल की पहचान भी अलग है। शुरुआती समय में इसकी बोतल छोटी और मोटी थी, जिसकी सतह पर धब्बे दिखाई देते थे। इसको बनाने वाले मोहन मैकिन ने बोतल के साथ कई प्रयोग किएजिसमें एक सौम्य और स्थिर गोल बोतल भी शामिल थी। लेकिन आखिर में उन्हें यह अहसास हुआ कि इसके दिवानों के लिए, जितना रम महत्व रखती है, उतनी ही इसकी बोतल भी। इसलिए आज भी ये अपनी उसी आकर वाली बोतल में बिकती है, जैसी पहले ज़माने में थी। गोवा के बाज़ार में आपको इसी बोतल का मिनिएचर रूप भी मिलेगा, जिसे कलेक्टर्स खरीदना ज़्यादा पसंद करते हैं।

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एपिक ब्रांड
हालांकि ओल्ड मॉन्क का विज्ञापन कंपनी ने काफी कम किया, फिर भी इसने बाजार में अपनी जगह बनाई। यही बात इसे बाकियों से अलग बनाती है। ओल्ड मॉन्क ने बिना किसी विज्ञापन या पब्लिसिटी के लोगों को अपना दिवाना बनाया। एक बार जिसने ओल्ड मॉन्क पी ली, उसके दिमाग में इसका स्वाद चढ़ ही जाता है।
 


 

ओल्ड मॉन्क के दिवानों के लिए है खुशखबरी
वैसे तो कुछ दिन पहले एक शोध से पता चला था कि रम की बिक्री कम होने के कारण ये रम बाजार से हटाई जा सकती हैं, लेकिन ओल्ड मॉन्क के प्रशंसकों को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि वह कहीं नहीं जा रही। मोहन मैकिन के वरिष्ठ अधिकारी ने आशवासन देते हुए कहा है कि मार्किट से डार्क रम हटाने का उनका कोई इरादा नहीं है। ओल्ड मॉन्क उनका एक प्रमुख उत्पाद है, “अगर उत्पादों की बिक्री कम भी होती है, तो ओल्ड मॉन्क उनकी ओर से सबसे आखिर में मार्किट से हटाई जाएगी”।

 

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