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कश्मीरी रोगन जोश रेसिपी (Kashmiri rogan josh Recipe)

कश्मीरी रोगन जोश
जानिए कैसे बनाएं कश्मीरी रोगन जोश

कश्मीरी रोगन जोश रेसिपी: यह कश्मीर की पारंपरिक डिश जिसे मुगल लेकर आए थे। यह मटन से बनने वाली लजीज डिश है। यह डिश दिखने में लाल होती है जोकि इसमें पड़ने वाले मसालों के कारण होता है। मटन की यह डिश देश के हर कोने में पसंद की जाती है। रोगन जोश बहुत ही बेहतरीन डिश है जिसे किसी पार्टी के मेन्यू में शामिल करने उस पार्टी की रौनक और बढ़ जाती है।

कश्मीरी रोगन जोश को कैसे बनाएं: कश्मीरी खाने में साबुत मसालों और दही का बहुत इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह रोगन जोश में भी मटन के पीस को ट्रडिशनल और स्थानीय मसालों में पकाकर तैयार किया जाता है।

कश्मीरी रोगन जोश को कैसे सर्व करें: नॉनवेज खाने वालों की यह फेवरेट डिश में से एक है, जिसे आप रोटी, नान या फिर चावल के साथ सर्व कर सकते हैं।

  • कुल समय 50 मिनट
  • तैयारी का समय 10 मिनट
  • पकने का समय 40 मिनट
  • कितने लोगों के लिए4
  • मीडियम

कश्मीरी रोगन जोश की सामग्री

  • (बोनलेस पीस और रिब्स) 1 kg लैंब
  • 20 ग्राम हल्दी
  • 75 ग्राम अदरक-लहसुन पेस्टः
  • 10 ग्राम इलायची
  • 5 ग्राम तेजपत्ता
  • 200 ग्राम कश्मीरी लाल मिर्च पेस्टः
  • 250 ग्राम प्रान (एक तरह की स्थानीय प्याज़)
  • 75 ग्राम सौंफ के बीज़
  • 25 ग्राम सौंठ पाउडर
  • 40 ग्राम हरी इलायची पाउडर
  • 100 ग्राम दही
  • 100 ग्राम घी
  • (कलर के लिए) मवल का फूल

कश्मीरी रोगन जोश बनाने की वि​धि

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1.
प्रान को साफ करके काट लें और फ्राई कर लें। जब यह ठंडे हो जाए, तो मिक्सी में पीस लें। पेस्ट तैयार कर लें। दही फेंटे।
2.
मटन के पीस को हल्दी, अदरक-लहसुन के पेस्ट, इलायची और तेजपत्ता में उबाल लें।
3.
अब लैंब को पानी से निकालकर अलग कर लें। पानी में मवल का फूल डालें
4.
एक पैन में घी गर्म करें। उसमें प्याज़ डालकर करूब तीन मिनट के लिए भूनें।
5.
इसके बाद इसमें तैयार किया पानी (यानी की स्टॉक) डालें। साथ ही बाकी की सभी सामग्री डालें।
6.
ध्यान रहे आपको इसमें अभी मीट नहीं डालना है। तेज आंच पर 20 मिनट के लिए मिक्सचर को उबाल लें।
7.
अब इसमें मीट डालें। सात ही मवल एक्सट्रेक्ट डालें। पांच मिनट के लिए पकाएं। गर्मा-गर्म सर्व करें।

रेसिपी नोट

मवल फूल आपकी ग्रेवी को तीखा स्वाद देने के लिए डाला जाता है। इसे मुर्गे की कलगी के नाम से भी जाना जाता है। कश्मीरी पंडित स्वाद और रंग देने के लिए कई बार ‘रतनजोग’ का इस्तेमाल करते हैं। प्रान, एक तरह की स्थानीय प्याज़ होती है, जिसका स्वाद लहसुन की तरह होता है।

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